संवेदनशील कार्य या असहज ज़िम्मेदारी? पुरुषों की कमर नापने में शर्मिंदगी झेल रहीं आशा कार्यकर्ता, कार्यकर्ता बोलीं – लोग करते है भद्दे कमेंट्स!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन से एक शर्मनाक और चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है, जहां स्वस्थ यकृत मिशन के तहत चल रही स्वास्थ्य स्क्रीनिंग में शामिल आशा कार्यकर्ताओं को पुरुषों की कमर का नाप लेते समय भारी असहजता और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है।
मिशन के तहत आशा कार्यकर्ताओं को पुरुष और महिला—दोनों की उम्र, वजन, ऊंचाई और कमर की माप लेने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन जब उन्हें पुरुषों की कमर मापनी होती है, तब स्थिति बेहद असुविधाजनक और शर्मनाक हो जाती है। सुदामा नगर आंगनवाड़ी केंद्र की आशा कार्यकर्ता सीमा बोलोनिया ने बताया कि पुरुषों की कमर मापते समय कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है जो असहज और अपमानजनक होती है। कई बार शराब के नशे में धुत लोग जांच कराने आ जाते हैं और भद्दे, अश्लील और महिला विरोधी कमेंट्स करते हैं, जिनका जवाब देना तो दूर, ज़िक्र तक करना मुश्किल होता है।
सीमा बताती हैं कि कई बार पुरुष खुद ही इंची टेप लेकर कमर नाप लेते हैं और उन्हें जानकारी दे देते हैं, ताकि वे खुद को और आशा कार्यकर्ताओं को असहज स्थिति से बचा सकें। हालांकि, ऐसे समझदार लोगों की संख्या बहुत कम है।
इस मुद्दे पर जब स्वस्थ यकृत मिशन के नोडल चिकित्सा अधिकारी डॉ. आदित्य रावल से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं ने सीएमएचओ के पास जाकर अपनी आपत्ति और परेशानी रखी थी। उन्हें उचित व्यवहार और प्रोटोकॉल को लेकर समझाइश दी गई है। फिलहाल, इसके बाद से कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है।